गांधी जी के बारे में कौन नहीं जानता। लोग प्यार से उन्हें  बापू बुलाते है। और उनको राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। खासतौर से 2 अक्टूबर, जो कि उनके जन्मदिवस के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 


प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती मनाता है। वहीं, पूरी दुनिया इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non Violence) के रूप में मनाती है। क्योंकि 151 साल पहले 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी जी का जन्म हुआ था। जिन्हें आज दुनिया महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और भारत के राष्ट्रपिता के रूप में जानती है।

राष्ट्रपिता उन्हें क्यों कहा जाता है?

बापू के, महात्मा गाँधी जी से राष्ट्रपिता का सफर, जब गाँधी जी बैरिस्टर बनकर वकालत की प्रैक्टिस करने दक्षिण अफ्रीका गये थे, तब वो मोहनदास करमचंद गांधी थे। लेकिन उनकी विचारधारा और लोगों के हक के प्रति लड़ाई लड़ने के उनके तरीके ने उन्हें 'राष्ट्रपिता' बना दिया। और इस तरह उन्हें 'राष्ट्रपिता' और 'महात्मा' की उपाधि मिली।



गाँधी जयआँखों पर चश्मा हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान,

दिल में था उनके हिंदुस्तान,

अहिंसा उनका हथियार था,

अंग्रेजों पर भारी जिसका वार था,

जात-पात को भुला कर वो जीना सिखाते थे,

सादा हो जीवन और अच्छे हो विचार,

बड़ो को दो सम्मान और छोटो को प्यार,

बापू यही सबको बताते थे,

लोगों के मन से अंधकार मिटाते थे,

स्वच्छता पर वे देते थे जोर,

माँ भारतीय से जुड़ी थी उनकी दिल को डोर,

ऐसी शख्सियत को हम कभी भूला ना पाएंगें, 

उनके विचारों को हम सदा अपनायेंगे।


गाँधी जयंती: 

मोहनदास करमचंद गाँधी जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर का दिन, भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्यौहार है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए उपलक्ष में, उनके अच्छे कर्मों को याद करने और सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष गाँधी जयंती मनाई जाती है। इस बार हम लोग उनकी 151वीं गाँधी जयंती मनायेंगे। 





गाँधी जी जुडी हुई कुछ खास बातें:

  • महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 October, 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था।
  • महात्मा गाँधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
  • महात्मा गाँधी जी ने, अपने जीवन के हर संकट में सच्चाई का साथ दिया और अहिंसा का पालन किया और लोगों को इनका पालने करने के लिए प्रेरित किया।
  • महात्मा गाँधी जी ने, पूर्ण समर्पण और आत्मविश्वास के साथ ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराया और दुनिया को साबित कर दिखाया की स्वतंत्रता अहिंसा के साथ हासिल की जा सकती है। 
  • महात्मा गाँधी जी के लिए सत्य और अहिंसा उनकी वो ताकत थी, जिसके सामने क्रूर अंग्रेजों के अपने घुटने टेक दिये।