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May 29, 2021

ट्विटर VS केंद्र सरकार : टूल किट और नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर पर किया पलटवार

Microblogging Platform ट्विटर और केंद्र सरकार में विवाद कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं ट्विटर ने टूल किट और नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर पहली बार पक्ष रखते हुए पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की। कहा, उसे भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी के संभावित खतरों की चिंता है।


ट्विटर VS केंद्र सरकार की अपनी-अपनी बातें :-


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ट्विटर :

नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम : हम कानूनों का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं। नियमों के उन तत्वों में बदलाव की योजना बना रहे हैं, जो मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं। इनमें कुछ नियम संविधान और हमारी नीति का उल्लंघन करते हैं।

मैनिपुलेटेड मीडिया, टूलकिट : हम अपनी वैश्विक सेवा शर्तों को लागू करने पर भारत में पुलिस द्वारा धमकाने और नए आईटी नियमों के कुछ मूल तत्व को लेकर चिंतित हैं। इससे खुले और मुक्त संवाद में बाधा आ सकती है। इसलिए जैक डॉर्सी इनमें बदलाव के लिए अपनी बात भारत सीईओ, ट्विटर सरकार के समक्ष रखेंगे, बातचीत जारी रहेगी।

लोगों को समर्पित : हमारा प्लेटफार्म लोगों को समर्पित है। महामारी के समय में लोगों ने इसके जरिये बड़े स्तर पर एक-दूसरे की मदद की है। प्लेटफार्म पर पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर है। लोगों के हितों की रक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों, उद्योग और सिविल सोसायटी को साथ मिलकर यह काम करना होगा।


केंद्र सरकार : 

केंद्र सरकार ने कड़ी भाषा में कहा "भ्रम-आडंबर से निकलो, अपनी शर्ते थोपने की कोशिश न करो"

नए नियम इसलिए - जनता और खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म के प्रतिनिधियों से विस्तृत संवाद कर नियम बने हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित कई अदालतों ने आदेशों में सरकार को उचित कदम उठाने के लिए कहा था। संसद में कई बहसों और सिफारिशों में भी ऐसे कदम उठाने की बात कही गई।


शर्ते थोपने की कोशिश : निजी कंपनी ट्विटर, संप्रभु लोकतांत्रिक गणतंत्र की सरकार से 'रचनात्मक सरकार बातचीत और सहयोगी दृष्टिकोण' चाहती है, ताकि 'जनता के हितों को सुरक्षित रख सके। उसे अपने भ्रम व आडंबर से बाहर आ कर रविशंकर प्रसाद भारत के कानूनों का पालन करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री उसका बयान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्ते थोपने की कोशिश है। अपनी हिमाकत व कारगुजारी से ट्विटर भारत की विधि व्यवस्था को कम आंक रहा है। 


यह हैं वह चार मामले जहां देश के खिलाफ था ट्विटर : 

ट्विटर का रवैया डबल ढोलकी है। 

(१) - सीमा विवाद के दौरान लद्दाख के कई हिस्सों को जियो लोकेशन में चीन का हिस्सा दिखाया। 

(२) - लालकिला हिंसा, 

(3) - कोविड-19 टीके और बी.1.617 वायरस पर भी भेदभावपूर्ण व्यवहार रहा। 

(४) - वहीं, अमेरिका के कैपिटल हिल हिंसा में खुद कार्रवाई की थी।